नौकरी खतरे में | Job in danger |
एक बार दो मित्र होते है, दोनों में बड़ी घनिष्ट मित्रता होती है, वे बचपन से ही साथ खेले,कूदे और पढाई की | मगर सबका अपना-अपना हुनर होता है, तो वाजिब था की एक मित्र को नोकरी मिल गई और दुसरे को नहीं |
नोकरी मिलने के बाद तक़रीबन पाच साल तक दोनों का मिलना-जुलना नहीं हुआ, एक मित्र जिसे नोकरी नहीं मिली वो पाच सालो तक नोकरी ढूंढता रहा और तक़रीबन हर क्षेत्र में गुसने में नाकामियाब रहा |
हार कर एक दिन उसे अपने मित्र की याद आई और वो अपने मित्र का पता ढूंढते हुए, उस तक पहुँच गया | मगर ये क्या ? पहुचते ही उसने पाया की उसका मित्र तो चिड़ियाघर संभालता है, उसे अपने मित्र के सामने अपनी समस्या रखी की उसे कही नोकरी नहीं मिल रही है, वो उसकी मदद चाहता है |
सुनते ही दुसरे मित्र ने कहा, की "नोकरी ? नोकरी तो है, मगर तू पहेले सोच ले की तू कर पायेगा या नहीं ?", ये सुनकर पहला मित्र तुरंत कह बेठा की "काम जो भी हो, मैं करने को तैयार हूँ" |
दुसरे मित्र ने कहा की चिड़ियाघर में अब जानवर कम होते जा रहे है, उनमे से हमारा एक चिंपांज़ी अभी हमारे पास नहीं है, तुझे नकली चिंपांज़ी बन कर हर रोज,आठ घटो के लिए चिड़ियाघर में रहना होगा |
नोकरी की पछाड़ खाए हुए व्यक्ति को चाहे कुछ भी मिले वो "हाँ" कर ही देता है, उसके मित्र ने भी हां कर ही दी | अगले दिन वो चिंपांज़ी की पोशाक पहन कर पिंजरे में बेठ गया | तभी बहुत सारे बच्चे वहां पर आये और उसकी और खाने का सामान फेकने लगे, किसी ने ब्रेड तो किसी ने रोटी फेंकी |
वो झूटमाट ही उन्हें खाने लगा, मगर उसे लगा की कही बच्चो को शक न हो जाये, की मैं असली चिंपांज़ी नहीं हूँ, इसलिए मुझे कुछ करतब करके दिखाने चाहिए |
बस फिर क्या था, उसने जो करतब दिखाए वो देखने लायक थे, वो वाकई में एक बंदर लग रहा था, एक बार तो वो स्वयं भूल गया की वो एक इंसान है, या बन्दर | वो रोमांचित था, अपने ही नशे में चूर, लोगो को बहलाता, हसाता, उचलता-कूदता | मगर ये क्या ? अचानक ये क्या हादसा हुआ ? सभी दंग रह गए, उसका मित्र गिर गया था |
हालाँकि गिरना कोई बड़ी बात नहीं है, मगर बात ये थी की वो शेर के पिंजरे में गिर गया था | उसके पसीने छूट चुके थे और देखने वाले लोगो के भी कहा की "अब तो चिंपांज़ी की खेर नहीं", सभी यही चर्चा करने लगे की अब तो ये नहीं बचेगा |
अपने अंतर्मन तक भयभीत लड़के ने जोर से चिलाना शुरू किया "बचाओ - बचाओ" | ये सुनते ही सबकी आँखे खुली की खुली रह गई, सभी चकित थे की एक बंदर इंसानों की भाती केसे बोल सकता है | तभी शेर चुप चाप चिम्पंजी से बोला "अबे चुप कर, अभी दोनों की नौकरी खतरे में पड़ जायगी" |